विद्यालय के बच्चे गणतंत्र दिवस की तैयारियों के दौरान नारे लगा रहे थे....
महात्मा गाँधी ........... अमर रहें
चन्द्रशेखर आज़ाद ........... अमर रहें
सुभाष चन्द्र बोस ........... अमर रहें
सरदार पटेल ............ अमर रहें
चाचा नेहरु ............. अमर रहें
बाबा साहिब ............. अमर रहें
********* ............. *********
********* ............. *********
********* ............ *********
मैं सोच रहा था कि-
" साल में दो दिन नारे लगाने से बच्चे क्या सीखते हैं और इससे उनके व्यक्तित्व में क्या बदलाव संभव है?"
"क्या इस परंपरा का उद्देश्य एक अच्छा अनुसरणकर्ता/रेल का डिब्बा तैयार करना है?"
"हमने विद्यार्थी जीवन में नारे लगाकर क्या सीखा है,कितनी प्रेरणा प्राप्त की है?"
"क्या सिर्फ़ कुछेक अवसरों पर नारे लगाने भर से महापुरुषों के जीवन-दर्शन/ सिद्धांत अमर हो जाते हैं?
" क्या भविष्य में इस सूची में कोई नया नाम जुड़ेगा?"
"क्या अब भारत की पावन धरती से महापुरुषों का उत्पादन नहीं हो रहा और आने वाली पीढ़ियां हमारी तरह इन्हीं महापुरुषों के अमरत्व की गाथाएं गाती रहेंगी?"
मित्रों, उपरोक्त प्रश्नों में यदि आपको कोई गंभीरता नज़र आती हो तो अपने विचार अवश्य रखें......
महात्मा गाँधी ........... अमर रहें
चन्द्रशेखर आज़ाद ........... अमर रहें
सुभाष चन्द्र बोस ........... अमर रहें
सरदार पटेल ............ अमर रहें
चाचा नेहरु ............. अमर रहें
बाबा साहिब ............. अमर रहें
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मैं सोच रहा था कि-
" साल में दो दिन नारे लगाने से बच्चे क्या सीखते हैं और इससे उनके व्यक्तित्व में क्या बदलाव संभव है?"
"क्या इस परंपरा का उद्देश्य एक अच्छा अनुसरणकर्ता/रेल का डिब्बा तैयार करना है?"
"हमने विद्यार्थी जीवन में नारे लगाकर क्या सीखा है,कितनी प्रेरणा प्राप्त की है?"
"क्या सिर्फ़ कुछेक अवसरों पर नारे लगाने भर से महापुरुषों के जीवन-दर्शन/ सिद्धांत अमर हो जाते हैं?
" क्या भविष्य में इस सूची में कोई नया नाम जुड़ेगा?"
"क्या अब भारत की पावन धरती से महापुरुषों का उत्पादन नहीं हो रहा और आने वाली पीढ़ियां हमारी तरह इन्हीं महापुरुषों के अमरत्व की गाथाएं गाती रहेंगी?"
मित्रों, उपरोक्त प्रश्नों में यदि आपको कोई गंभीरता नज़र आती हो तो अपने विचार अवश्य रखें......