सोमवार, 25 मार्च 2013

आओ खेलें होरी हो......





ढम... ढम... ढम... ढम...
ढम... ढम... ढम... ढम...
होssssssssssssssss....

ढिम-टपाक, ढिम-ढिम टपाक
ढिम-टपाक, ढिम-ढिम टपाक
हुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रssssss....... 

हे हे, हे हे...... 
हे हे, हे हे...... हुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रsssss......

ढिंग-चक... ढिंग-ढिंग चक 
ढिंग-चक... ढिंग-ढिंग चक
हो-हो, हो-हो 
हो-हो, हो-हो.....

अरे ओ गोरीssss... अरे ओ छोराssss 
अरे ओ गोरीssss.... अरे ओ छोराssss 
सा रा रा रा..... अरे रे.... सा रा रा रा 
सा रा रा रा..... अरे-रे... सा रा रा रा 
स र र र होsss ...... अरे रे.. स र र र होsssss......


F- आओ रे.... आज खेलें होरी हो.. खेलें होरी हो
M- ओ री गोरी हो... ओ री छोरी हो....खेलें होरी हो

M- आओ खेलो फाग.... फाग 
F- धो लो मन के दाग़....दाग़ 
M- बुझे मन की आग.... आग 
F- बैर भाव भूल सारे.... 
M- छेड़ो ऐसा प्रेम राग 
F- मस्त हों जवान सारे, मस्त हों री छोरी हो....
M- आओ खेलें होरी हो.... ओ री गोरी हो... 
.....ओ री छोरी हो... खेलें होरी हो........

F- रे ऐसा कोई रंग डारूं 
M- तन तेरा मैं रंग डारूं
F- मन तेरा मैं रंग डारूं 
M- मस्त हो जहान सारा 
F- रुत में वो भंग डारूं....
M- प्रीत-प्यार, छेड़-छाड़, आज करूं जोरा-जोरी हो 
M-आओ खेलें होरी हो.... ओ री गोरी हो... 
....ओ री छोरी हो... खेलें होरी हो........

F- सजना अनाड़ी,काटे ऐसी चिकोटी.... काटे ऐसी चिकोटी
M- सजनी बिगड़, देवे गारी मोटी-मोटी.... देवे गारी मोटी-मोटी
F- होली में प्यारी लागें बातें खरी खोटी.... अरे बातें खरी खोटी 
M- गारी भी आज लागे मोहे मीठी लोरी हो...
M- आओ खेलें होरी हो.... ओ री गोरी हो... 
.....ओ री छोरी हो.. खेलें होरी हो........
M+F- आओ रे.... आज खेलें होरी हो..
.........ओ री गोरी हो... ओ री छोरी हो....

सभी मित्रों को होलिकोत्सव की रंग भरी, मस्ती से सराबोर कोटि-कोटि बधाईयाँ......... निर्दोष दीक्षित

M- Male
F- Female
 


रविवार, 10 मार्च 2013

शिवरात्रि के अवसर पर

सभी मित्रों को महाशिवरात्रि की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं 
भोले बाबा भगवान शंकर सभी का कल्याण करें....

भोले बाबा चले 
सर्प डाले गले 
देखें दुनिया है कैसी 
नीले अम्बर तले....

ग़मज़दा है जहां
कौन ख़ुश है यहाँ
रक्त पीता है कौन
कौन तिल-तिल जले
भोले बाबा चले
सर्प डाले गले....

भूखा सोता है कौन
रहनुमा क्यूँ हैं मौन
राज करते हैं क्यों
चोरों के काफ़िले
भोले बाबा चले
सर्प डाले गले....

ये कैसा मर्ज़ है
दुनिया ख़ुदगर्ज़ है
शहीदों की चिताओं पर
लगें क्यूँ अब न मेले
भोले बाबा चले
सर्प डाले गले....

संसार देखन चले
परिवार लेकर चले
भोले बाबा चले
सर्प डाले गले.....

(चित्र गूगल से साभार)